द्रौपदी से सीखें हज़्बंड मैनेजमेंट, 5 पतियों के साथ ऐसे संभाला परिवार

पांचाली का गूढ़ ज्ञान

महाभारत काल हमें बेहतर जीवन जीने की न सिर्फ श‍िक्षा देता है बल्कि यह भी बताता है क‍ि रिश्‍तों को कैसे न‍िभाया जाता है। मसलन क‍िससे बात करते समय सदैव मर्यादा का पालन करना चाहिए? कौन हर पर‍िस्थिति में आदरणीय है? और सबसे खास बात यह क‍ि एक ही नारी यानी कि महारानी द्रौपदी ने पांच पतियों के साथ पर‍िवार को कैसे संभाला? ऐसा ही प्रश्‍न लेकर एक बार श्रीकृष्‍ण की पत्‍नी सत्‍यभामा पांचाली से मिलीं। आइए जानते हैं क‍ि कृष्‍ण की सखी ने इसका क्‍या जवाब द‍िया?

इस कथा का वनवास काल से है संबंध

महाभारत काल की एक कथा के अनुसार पांडव जब वनवास काट रहे थे तब एक द‍िन पांचाली के सखा श्रीकृष्‍ण अपनी पत्‍नी सत्‍यभामा के साथ उनसे मिलने पहुंचे। तब सभी पांडव और द्रौपदी संग पेड़ के नीचे आराम कर रहे थे। कृष्‍ण सभी पांडवों के साथ वार्ता कर रहे और सत्‍यभामा महारानी द्रौपदी के साथ। उन्‍होंने पांचाली से उनके दांपत्‍य जीवन को लेकर कुछ प्रश्‍न करने चाहे। इसपर द्रौपदी ने भी हामी भरी और कहा क‍ि जो भी पूछना चाहती हैं न‍ि:संकोच होकर पूछें।

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सत्‍यभामा ने पांचाली से क‍िए कुछ सवाल

पांचाली की हामी के बाद सत्‍यभामा ने पूछा क‍ि आखिर वह पांच पतियों के साथ इतने अच्‍छे से कैसे न‍िभाती हैं? साथ ही उनके सुखी दांपत्‍य जीवन का क्‍या रहस्‍य है? तब द्रौपदी ने सत्‍यभामा को अपने सफल वैवाहिक जीवन के बारे में बताया। साथ ही सुखी दांपत्‍य जीवन के भी कुछ सूत्र बताए। उन्‍होंने बताया क‍ि आखिर कैसे एक पत्‍नी अपने पति को हर परिस्थिति में प्रसन्‍न रख सकती है।

पति के साथ ऐसा करने से बचना चाहिए

द्रौपदी ने बताया क‍ि सुखी दांपत्‍य जीवन का सबसे पहला रहस्‍य है क‍ि कभी भी पति पर न‍ियंत्रण रखने का प्रयास नहीं करना चाहिए। जो भी स्‍त्री ऐसा करती है उसके दांपत्‍य जीवन में बेवजह का तनाव बना ही रहता है। साथ ही आपसी संबंधों पर भी नकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा पत्‍नी को पति के साथ ही उसके परिवार के सदस्‍यों और उनकी जरूरतों का भी ख्‍याल रखना चाहिए। पांचाली ने कहा क‍ि ऐसा करने वाली स्त्रियों का दांपत्‍य जीवन हमेशा ही खुश‍ियों से परिपूर्ण रहता है।

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सुखी दांपत्‍य के लिए इस भावना का पर‍ित्‍याग करें

पांचाली ने सत्‍यभामा को बताया क‍ि सुखी दांपत्‍य जीवन के लिए पति और पत्‍नी को हमेशा और हर परिस्थिति में एक-दूसरे की जरूरतों का ख्‍याल रखना चाहिए। इससे प्रेम भी बढ़ता और संबंध भी प्रगाढ़ होते हैं। दोनों के मन में एक-दूसरे के प्रति कभी भी ईर्ष्‍या की भावना नहीं होनी चाहिए। संबंध को हमेशा ही अहंकार से परे रखना चाहिए। इसके अलावा पति-पत्‍नी के बीच यद‍ि कभी व‍िवाद हो भी जाए तो उन्‍हें इसकी चर्चा बाहरी व्‍यक्‍तियों से नहीं करनी चाहिए।

पति की बातें गुप्त रखें

द्रौपदी के 5 पति थे और सभी के साथ द्रौपदी समान रूप से न्याय करती थीं। इनकी सबसे बड़ी खूबी यह थी कि अपने एक पति की गुप्त बात वह दूसरे पति तक नहीं पहुंचाती थीं। पति के प्रति ईमानदारी और भरोसा रखना यह गृहस्थ जीवन का आधार स्तंभ है। द्रौपदी ने हमेशा इस स्तंभ को मजूबत बनाकर रखा। यही वजह थी कि सभी भाइयों में हमेशा प्रेम भाव बना रहा।