जान‍िए किस मजबूरी के चलते मंदोदरी ने किया था रावण से विवाह?

रावण-मंदोदरी के व‍िवाह की कथा

लॉकडाउन में प्रसारित हो रही रामायण में आपने अक्‍सर ही रावण और मंदोदरी का संवाद सुना होगा। जिससे यह पता चलता है कि वह कितनी समझदार थींं। कितनी ही बार उसने रावण को नीति-अनीति की बातें समझाईं। हालांकि यह बात अलग है कि रावण ने उनकी एक न सुनीं। हो सकता है कि रावण-मंदोदरी के इन दृश्‍यों को देखकर आपके मन में सवाल उठता हो कि आखिर क्‍या वजह थी जो मंदोदरी का व‍िवाह रावण से हुआ? आइए जानते हैं..

मायासुर की गोद ली गई कन्‍या थी मंदोदरी

कथा मिलती है कि रावण की पत्‍नी मंदोदरी पंच कन्‍याओं में से एक थी। वह अप्‍सरा हेमा की पुत्री थीं। महर्षि कश्‍यप के पुत्र मायासुर ने उन्‍हें गोद‍ लिया था। मायासुर को राक्षसों का व‍िश्‍वकर्मा भी कहा जाता था। उसे ब्रह्मा जी से एक व‍िशेष वरदान प्राप्‍त था। इसके मुताबिक वह कहीं भी सुंदर भवन का न‍िर्माण कर सकते थे।

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जब रावण हुआ मंदोदरी पर मोहित

मायासुर ने ब्रह्मा से प्राप्‍त वरदान के प्रभाव से अपनी प्रेमिका अप्‍सरा हेमा के लिए मंडोर जैसे खूबसूरत नगर का निर्माण किया था। जो कि वर्तमान में जोधपुर का मंडोर है। कथा के अनुसार एक बार रावण मायासुर से मिलने के लिए मंडोर पहुंचा। तभी उसकी नजर मंदोदरी पर पड़ी और उसने मायासुर के सामने व‍िवाह का प्रस्‍ताव रखा।

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तो यह थी वजह रावण से व‍िवाह करने की

कहा जाता है कि जब रावण और मंदोदरी की कुंडली का मिलान हुआ तब स्थितियां ठीक नहीं थीं। लेकिन रावण के प्रताप को देखकर वह मना नहीं कर पाए। मंदोदरी भी यह व‍िवाह नहीं करना चाहती थीं लेकिन पिता के वचन की लाज रखने के लिए उन्‍होंने भी रावण से व‍िवाह के लिए हां कह दी। दोनों का व‍िवाह मंडोर स्थित वाप‍िका के पास गणेश एवं अष्‍ट मातृकाओं के फलक के पास ही मौजूद अग्निकुंड के पास ही हुआ था।

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