जाओ मेरे हनुमान बूटी ले आओ – भजन (Jao Mere Hanuman Booti Le Aao)

जाओ मेरे हनुमान बूटी ले आओ,
लखन के राखो प्राण बूटी ले आओ॥मेरी आँखों का तारा,
भूमि पे गिरा बेचारा,
वो मुख से कुछ ना बोले,
वो नैन ना अपने खोले,
जान को बचा आओ,
लखन के राखो प्राण बूटी ले आओ,
जाओ मेरे हनुमान बूटी ले आओ,
लखन के राखो प्राण बूटी ले आओ॥

मैं क्या मुँह लेकर अपना,
अयोध्या को जाऊंगा,
मैया से कैसे आंखे,
मैं अपनी मिला पाऊगा,
बात बतला जाओ,
लखन के राखो प्राण बूटी ले आओ,
जाओ मेरे हनुमान बूटी ले आओ,
लखन के राखो प्राण बूटी ले आओ॥

हे कुल के देवता सूरज,
तुम उदय नही हो जाना,
तुम उदय हुए तो निशिचत,
मेरे प्राणों का जाना,
ये संकट हर जाओ,
लखन के राखो प्राण बूटी ले आओ,
जाओ मेरे हनुमान बूटी ले आओ,
लखन के राखो प्राण बूटी ले आओ॥

लगा चरण धुली से चंदन,
हनुमत बूटी ले आए,
प्रभु राम की लाज थी राखी,
लक्ष्मण के प्राण बचाए, वो काज बनाए,
बूटी वाला पर्वत हनुमत लाए है,
राम प्रभु के काज सारे बनाये है,
बूटी वाला पर्वत हनुमत लाए है…….