चैत्र नवरात्र पर दिल्ली के मंदिरों में होगी ऐसी व्यवस्था, जानिए नवरात्र का महत्व और कलश स्थापना मुहूर्त

नव संवत्सर 2079 के साथ ही चैत्र नवरात्र का भी शुभारंभ 2 अप्रैल से हो चुका है। कोविड-19 के दौर में पहली बार नवरात्र पर सरकारों की कड़ी पाबंदियां नहीं हैं। इससे श्रद्धालुजन मंदिरों में जाकर पूजा-पाठ कर सकेंगे। वहीं, दिल्ली के तमाम मंदिरों में नवरात्र की तैयारी हो रही है। छत्तरपुर मंदिर, झंडेवाला मंदिर, कालकाजी मंदिर, चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में खास प्रबंध हो रहे हैं। मंदिरों की सजावट, रंग-बिरंगी लाइट्स, टेंट, सोशल डिस्टेंस की व्यवस्था, प्रसाद-भंडारे का इंतजाम हो रहा है। इन मंदिरों में दूर-दूर से भक्तजन आते रहे हैं। झंडेवाला देवी मंदिर और कालकाजी से ज्योत लेने भी श्रद्धालु आते हैं। कोविड के दौर में पिछले 2 साल में नवरात्रों में कुछ न कुछ सख्तियां रही हैं। मंदिरों में सिर्फ पुजारी ही पूजा करते थे। इस बार नवरात्र पर रौनक होगी। दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में नवरात्र पर क्या कुछ खास व्यवस्था हो रही है, इस पर सूरज सिंह की रिपोर्ट :

नवरात्र का विशेष महत्व
सनातन हिंदू धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व है। प्रतिवर्ष 4 नवरात्र मनाए जाते हैं। इनमें दो गुप्त नवरात्र होते हैं, जबकि एक चैत्र और दूसरा शारदीय नवरात्र होता है। फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के बाद चैत्र की शुरुआत होगी। इसी महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि की शुरुआत होती है। इस बार नवरात्र 2 अप्रैल से शुरू हो चुके हैं, जो 10 अप्रैल रविवार तक चलेंगे।

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नवरात्र में नौ देवियों की पूजा
नवरात्रों के नौ दिन मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजन का विधान है। दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी और नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है।

नवरात्र कलश स्थापना पूजन मुहूर्त
इस बार चैत्र नवरात्र दो अप्रैल से शुरू हो चुके हैं और सभी नौ दिन पूजन किए जा सकेंगे। प्रतिपदा तिथि एक अप्रैल से ही लग जाएगी, लेकिन उदयातिथि के कारण इसका मान दो अप्रैल से होगा। इस दिन सुबह 5:51 से सुबह 8:22 बजे तक कलश स्थापना करना कल्याणकारी रहेगा। वहीं दो अप्रैल से ही नव संवत्सर की भी शुरुआत होगी।

छतरपुर मंदिर में लग रहे आकर्षक डिजाइनर टेंट
महामारी के दौर में कई बार लॉकडाउन लगा। बाद में जब भी अनलॉक हुआ, तो मंदिरों को सबसे अंत में खोला गया। भक्तों पर पाबंदियां रहीं। इसका असर मंदिर के संचालन पर पड़ा। अब धीरे-धीरे सब खुल रहा है। भक्तों ने भी आना शुरू कर दिया है। यह अच्छे संकेत हैं। इस बार नवरात्र को देखते हुए खास आकर्षक डिजाइनर टेंट लगवा रहे हैं। सैनिटाइजेशन टनल रहेगी। जगह-जगह सैनिटाइजर की बोतलें होंगी। जिन श्रद्धालुओं के पास मास्क नहीं होगा, उन्हें मास्क मुहैया कराएंगे। अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है। अब प्रसाद बांटने की परमिशन मिल गई है। नारियल इस बार भी नहीं चढ़ेगा।

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प्रमुख मंदिरों को भेजा निमंत्रण
छतरपुर स्थित श्री आद्या कात्यायनी शक्ति पीठ मंदिर की ओर से संत बाबा नागपाल के समय से सभी प्रमुख मंदिरों को निमंत्रण भेजा जाता है। वैष्णो देवी, कामाख्या देवी, चंडी देवी, कांगड़ा, ज्वाला जी, चिंतपूर्णी और दिल्ली के करीब 150 मंदिरों को बुलावा भेजा है। इसमें चांदी का छत्र, मां का शृंगार, लहंगा-चुन्नी, ड्राई-फ्रूट होते हैं। 29 मार्च को कुंभ अभिषेक हुआ, जो रात 9 बजे शुरू होता है और सुबह 4 बजे तक चलता है। भट्टियों की पूजा होती है, ताकि सभी को भंडारे से प्रसाद मिले।

झंडेवाला मंदिर में नवरात्र पर दिखेगी भक्तों की भीड़
झंडेवाला माता के भक्तों को लंबे समय से इन दिनों का इंतजार था। कोरोना काल में बहुत से श्रद्धालु झंडेवाला देवी मंदिर नहीं पहुंच सके। इस बार पाबंदियों में ढील है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि नवरात्रों में भक्तों की संख्या अधिक रहेगी। अभी प्रसाद चढ़ाने की व्यवस्था नहीं है। मगर, मंदिर की ओर से दर्शनार्थियों को व्रत और बगैर व्रत का प्रसाद मिलेगा। मंदिर की सजावट आकर्षक फूलों और रंग-बिरंगी लाइट्स से की जा रही है। यूट्यूब पर सुबह 4 बजे और शाम 7 बजे मां की आरती का लाइव प्रसारण भी होगा। मंदिर के भवन में जागरण भी होंगे। दो-तीन पार्टियां हर नवरात्र में हाजिरी लगाती हैं। मां के चरणों में भेंट प्रस्तुत करते हैं। वो ज्योत लेकर जाते हैं।

कालकाजी मंदिर में होगा हवन-यज्ञ
चैत्र नवरात्र में भक्तों की भीड़ काफी रहने वाली है। कालकाजी मंदिर में भी दूर-दूर से भक्त आते हैं। यहां भीड़ संभालने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। इस बार नवरात्र में मंदिर को सजाया जाएगा। इन दिनों आरती का समय बदल जाता है। आम तौर पर आरती सुबह 6 बजे होती है, लेकिन नवरात्र में रात 1:30 बजे पहली आरती होती है। महंत परिसर में विश्व की सुख-शांति के लिए हवन-यज्ञ भी होगा। भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था होगी। कालकाजी मनोकामना सिद्धपीठ मंदिर है। मां भगवती की जिन पर विशेष कृपा होती है, वही दरबार में मत्था टेकने आते हैं। बगैर किसी निमंत्रण के नवरात्रों में लाखों श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं।

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अब गौरी-शंकर मंदिर में नवरात्र पर लौटेगी रौनक
चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में भी नवरात्र पर विशेष सजावट होगी। मंदिर को लाइटिंग से सजाया जा रहा है। नौ दिनों तक मां का खास शृंगार होता है। देश में शांति और महामारी को खत्म करने के लिए अष्टमी को यज्ञ का आयोजन होगा। नवरात्र में रोजाना सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक भंडारा होगा। गौरी-शंकर मंदिर के प्रति भक्तों में गहरी आस्था है। यहां भी माता के जागरण होते हैं।