गौरीशंकर मंदिर में भक्त कर सकेंगे 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, जानें कहां-कहां हैं द्वादश ज्योतिर्लिंग और महत्व

अगर आप भी शिवभक्त हैं और देश के अलग-अलग कौनों में स्थित ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने के इच्छुक हैं, पर किन्हीं कारणों से वहां नहीं जा पा रहे हैं, तो अब चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकेंगे। गौरीशंकर मंदिर के बेसमेंट में 12 ज्योतिर्लिंगों का स्थान बनकर तैयार हो गया है। यहां सौंदर्यीकरण पर काफी ध्यान दिया गया है, खूबसूरत झूमर लगाए गए हैं, पूरा हॉल वातानुकूलित है और सफेद संगमरमर के पत्थर लगे हैं। अब दिल्ली वालों को एक जगह ही भोलेनाथ के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन हो सकेंगे। 22 जुलाई से सावन शुरू हो चुका है और 23 जुलाई से 5 दिन तक प्रतिष्ठा पूजन कार्यक्रम होगा। 28 जुलाई से आम भक्तजन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकेंगे।

वास्तविक ज्योतिर्लिंग की तरह होंगे स्थापित

गौरी शंकर मंदिर में प्रत्येक ज्योतिर्लिंग के लिए एक गर्भ गृह बनाया गया है, इसके बाहर शीशे का गेट लगा है। भक्त बाहर से ही ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकेंगे। विशेष परिस्थिति में संभव है कि भक्त गर्भ गृह में जाकर पूजा अर्चना कर सकें, जिसका विकल्प तलाश रहे हैं। प्रत्येक स्वरूप वास्तविक ज्योतिर्लिंग के तौर पर स्थापित होंगे। द्वादश ज्योतिर्लिंगों पर सुंदर श्रृंगार होगा। सुबह-शाम पूजा और आरती होगी।

द्वादश ज्योतिर्लिंग का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव जहां जहां प्रकट हुए हैं, उन्हीं 12 स्थान पर स्थित शिवलिंग को पवित्र ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा अर्चना की जाती है। सावन मास में इन द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति जन्म मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है और वह शिवलोक में स्थान प्राप्त करता है। वहीं जो व्यक्ति हर रोज द्वादश ज्योतिर्लिंग का नाम लेता है या फिर द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्‌।

उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं ममलेश्वरम्‌ ॥

परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्‌।

सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥

वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे।

हिमालये तु केदारं ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥

एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः।

सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥

देश में कहां-कहां हैं द्वादश ज्योतिर्लिंग

ज्योतिर्लिंग — कहां

सोमनाथ — प्रभाष पाटन (गुजरात)

मल्लिकार्जुन — श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश)

ओमकारेश्वर — खंडवा (मध्य प्रदेश)

केदारनाथ — केदारनाथ (उत्तराखंड)

भीमाशंकर — भीमशंकर (महाराष्ट्र)

काशी विश्वनाथ — वाराणसी (उत्तर प्रदेश)

त्रयंबकेश्वर — नासिक (महाराष्ट्र)

वैद्यनाथ — देवघर (झारखंड)

नागेश्वर — दारुकावन, द्वारका (गुजरात)

रामेश्वर — रामेश्वरम (तमिलनाडु)

घुष्मेश्वर — औरंगाबाद (महाराष्ट्र)