गणपति मेरे अंगना पधारो,
आस तुमसे लगाए हुए है,
काज कर दो हमारे भी पुरे,
तेरे चरणों में हम तो खड़े है,
गणपति मेरे अँगना पधारो ॥कितनी श्रद्धा से मंडप सजाया,
अपने घर में ये उत्सव मनाया,
सच्चे मन से ये दीपक जलाया,
भोग मोदक का तुमको लगाया,
रिद्धि सिद्धि को संग लेके आओ,
हाथ जोड़े ये विनती किए है,
गणपति मेरे अँगना पधारो ॥
आस तुमसे लगाए हुए है,
काज कर दो हमारे भी पुरे,
तेरे चरणों में हम तो खड़े है,
गणपति मेरे अँगना पधारो ॥कितनी श्रद्धा से मंडप सजाया,
अपने घर में ये उत्सव मनाया,
सच्चे मन से ये दीपक जलाया,
भोग मोदक का तुमको लगाया,
रिद्धि सिद्धि को संग लेके आओ,
हाथ जोड़े ये विनती किए है,
गणपति मेरे अँगना पधारो ॥
विघ्नहर्ता हो तुम दुःख हरते,
अपने भक्तो का मंगल हो करते,
हे चतुर्भुज हे सिद्धिविनायक,
उसकी सुखो से झोली हो भरते,
रहते शुभ लाभ संग में तुम्हारे,
हाथ पुस्तक मोदक लिए है,
गणपति मेरे अँगना पधारो ॥
करते वंदन हे गौरी के लाला,
मेरे जीवन में करदो उजाला,
पिता भोले है गणपति तुम्हारे,
सभी देवों के तुम ही हो प्यारे,
इस ‘गिरी’ की भी सुध लेलो बप्पा,
काज कितनो के तुमने किए है,
गणपति मेरे अँगना पधारो ॥
गणपति मेरे अंगना पधारो,
आस तुमसे लगाए हुए है,
काज कर दो हमारे भी पुरे,
तेरे चरणों में हम तो खड़े है,
गणपति मेरे अँगना पधारो ॥