कौन-सा वास्तु दोष आपकी परेशानी की वजह है, आसानी से जानें

घर में बच्चे की किलकारी ना गूंजना

घर में बच्चे की किलकारी ना गुंजना, वास्तु दोष की निशानी हो सकती है। ऐसा तभी होता है, जब आपके मकान का मध्य भाग सही ना हो या वो उठा हुआ हो। घर के इस भाग को सही कराएं, जिससे आपकी समस्या का अंत हो। साथ ही घर में कभी भी कीकर का वृक्ष ना लगाएं।

लगातार आर्थिक स्थिति खराब रहना

क्या आपकी आर्थिक स्थिति लगातार खराब बनी हुई है और साथ कई परेशानियां आपकी चिंता का कारण बनी हुई है? वास्तु के अनुसार, इसका मुख्य कारण नैऋत्य कोण में घर का मुख्य द्वार होना है। इसके लिए आपको मुख्य द्वार सही करवाना होगा। दक्षिण और पश्चिम दिशा के मध्य के स्थान को नैऋत्य दिशा का नाम दिया गया है। इस दिशा पर निरूति या पूतना का आधिपत्य है। ज्योतिष के अनुसार राहु और केतु इस दिशा के स्वामी हैं।

हर वक्त रहता है स्वास्थ्य खराब

यदि आपके घर में ईश्वरीय कृपा नहीं हो रही है, हर वक्त किसी ना किसी का स्वास्थ्य खराब रहता है या फिर धन की बरकत नहीं हो रही है तो इसके लिए ईशान कोण में दोष हो सकता है। पूर्व और उत्तर दिशाएं जहां पर मिलती हैं, उस स्थान को ईशान कोण की संज्ञा दी गई है। इस दिशा को आप सही करवाएं।

कर्ज से मुक्ति नहीं मिल रही है तो

कर्ज से आपको मुक्ति नहीं मिल रही है तो इसके लिए आपका वायव्य कोण में दोष हो सकता है। साथ ही इस स्थान में दोष होने से पड़ोसियों, मित्रों और संबंधियों से बुरे संबंधों का कारण बनता है। उत्तर और पश्चिम दिशा के मिलन का स्थान वायव्य कोण कहलाता है।

आपके बने बनाए कार्य रुक जाते हैं

आपके बने बनाए कार्य रुक जाते हैं, घर विनाश की ओर लगातार बढ़ रहा है तो ऐसे में वास्तु के हिसाब से घर के ब्रह्म स्थान में गंभीर दोष है। घर के मध्य में भारी सामान, सीढ़ियां, शौचालय आदि होने पर इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस स्थान को तुरंत सही करें, जिससे आपकी सभी समस्याओं का अंत हो।

यदि मकान बेच नहीं पा रहे हैं

यदि मकान बेच नहीं पा रहे हैं, साथ ही बीमारियां घर से जाने का नाम नहीं ले रही है तो इसके लिए नैऋत्य कोण में समस्या होती है। या तो घर में इस दिशा का भाग नीचा होता है या फिर वहां गड्ढा होता है। पश्चिम और दक्षिण दिशा के मिलनेवाले स्थान को नैऋत्य कोण कहते हैं।