कष्‍टों से जानिए आपके घर में है कौन सा वास्‍तुदोष

ज्‍योतिष में वास्‍तु को व्‍यक्ति के जीवन का अहम अंग समझा जाता है। घर के वास्‍तु पर ही व्‍यक्ति की तरक्‍की और उसकी सुख-सुविधाएं निर्भर करती हैं। अगर इनमें दोष हो तो व्‍यक्ति कष्‍टों से घिरा रहता है। आइए देखते हैं कि किस कष्‍ट के लिए कौन सा वास्‍तुदोष है जिम्‍मेदार…

अस्‍वस्‍थता
घर का स्‍वामी यदि अस्‍वस्‍थ रहता है तो इसका कारण उसके घर के नैर्ऋत्‍य कोण यानी दक्षिण-पश्चिम कोने में दोष हो सकता है। हो सकता है कि ये स्‍थान कुछ नीचा हो या फिर यहां कोई गड्ढा हो। इस कोने में यदि पानी का कोई स्रोत है तो उसे बंद कर देना चाहिए।

गृह क्‍लेश
गृह क्‍लेश का कारण आग्‍नेय कोण में दोष हो सकता है। ध्‍यान रखें कि इस कोण में पानी का कोई बड़ा स्रोत नहीं होना चाहिए। यदि आप किचन में नल के पास ही खाना बनाती हों तो चूल्‍हे पानी से कहीं दूर रखें, क्‍योंकि अग्नि और जल एक-दूसके शत्रु माने जाते हैं और इनके साथ में होने पर पति-पत्‍नी में झगड़ा हो सकता है।

घर में अक्‍सर चोरी होना
यदि आपके घर में अक्‍सर चोरी होती रहती है या फिर सामान अपने स्‍थान पर नहीं मिलता तो नैर्ऋत्‍य कोण में राहु यंत्र स्‍थापित करने से लाभ होगा।

संतान सुख से वंचित
यदि आप अभी भी संतान सुख से वंचित हैं तो चेक कीजिए कहीं आपके घर में पूर्व दिशा में तो दोष नहीं है। सूर्य देवता को वंश वृद्धि का कारक माना जाता है और सूर्य की दिशा पूर्व होने की वजह से संतान प्राप्ति के लिए इस दिशा का दोषमुक्‍त होना जरूरी है।

मन में अशांति रहना
मन की शांति में गुरु की अहम भूमिका होती है और गुरु ईशान कोण का स्‍वामी है। यदि आपके घर के ईशान कोण में गंदगी रहेगी या फिर ऊंचा-नीचा होगा तो आपके मन में अशांति रहेगी और पूजा-पाठ में आपका मन नहीं लगेगा।

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पड़ोसियों से झगड़ा
यदि आपका पड़ोसियों से न चाहते हुए भी किसी बात को लेकर विवाद हो जाता है तो आपके घर के वायव्‍य कोण यानी उत्‍तर-पश्चिम दिशा में दोष हो सकता है। घर का मालिक गले में पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करे तो यह दोष दूर हो सकता है।

पुत्री के विवाह में विलंब
वायव्‍य कोण में दोष होने के कारण आपकी पुत्री के विवाह में विलंब हो सकता है। इस दोष को दूर करने के लिए कन्‍या का कमरा वायव्‍य कोण में स्‍थापित करें। ऐसा करने से शीघ्र विवाह होगा।