ओढ़ो जी ओढ़ो दादी, म्हारी भी चुनरिया – भजन (Odhoji Odho Dadi Mhari Bhi Chunariya)

ओढ़ो जी ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया,
शान से ल्याया थारा,
टाबरिया थारा बालकिया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया ॥राचणी मेहंदी थारे,
हाथां में लगावा,
गजरो बनावा थारे,
जुड़े में सजावा,
फूल मंगाया बढ़िया बढ़िया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया ॥

दादी जी आओ थारे,
भोग लगावा,
हलवा पूड़ी मेवा का,
थाल सजावा,
खीर बनवाई दादी केसरिया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया ॥

चुनड़ी ओढ़ाया म्हारो,
मान बढ़ेगो,
और भी थारो,
सिणगार खिलेगो,
‘सोनू’ सरावेगी या सारी दुनिया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया ॥

ओढ़ो जी ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया,
शान से ल्याया थारा,
टाबरिया थारा बालकिया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया ॥