ऋषिकेश में इन जगहों पर नहीं गए तो समझे लें कुछ नहीं देखा

भरत मंदिर

12 शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा बनाया गया यह मंदिर भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक है। आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रखा गया श्रीयंत्र भी इस मंदिर में है। त्रिवेणी घाट के निकट ओल्ड टाउन के बीचों बीच बसा भरत मंदिर भगवान राम के इस छोटे भाई के सम्मान में बनाया गया था। हिमालय पर्वतों के तल में बसे ऋषिकेश का भरत मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल है।

त्रिवेणी घाट

गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल, त्रिवेणी घाट पर सुबह-सुबह श्रद्धालु डुबकी लगाने आते हैं। इस स्थान के प्रति लोगों के मन में गहरी आस्था का भाव है और इसे बेहद पवित्र स्थान माना जाता है। त्रिवेणी घाट से ही गंगा नदी दायीं ओर मुड़ जाती है। यहां के घाट पर प्रकृति का वो नजारा आपको देखने को मिलता है, जो शायद ही आपकी कहीं मिले।

लक्ष्मण झूला

लक्ष्मण झूला के जिक्र के बिना ऋषिकेश अधूरा है और आपकी यात्रा भी। फटॉग्रफर की नजर से भी देखें तो ये झूले चारों तरफ से नैचरल ब्यूटी से भरपूर हैं जो आपको खुशी और संतुष्टि देंगे। कहा जाता है कि गंगा नदी को पार करने के लिए लक्ष्मण ने यह झूला बनवाया था। यह गंगा नदी के दोनों किनारों को जोड़ता है। इस पर खड़े होकर चारों ओर उस खूबसूरती को निहारा जा सकता है, जो कुदरत ने ऋषिकेश को खासतौर पर बख्शी है।

गीता भवन

साल 1950 में बनवाया गया यह मंदिर इस जगह के प्राचीन होने के साक्ष्य के रूप में यहां स्थित है। गीता भवन अपनी दर्शनीय दीवारों के लिए प्रसिद्ध है। इसकी दीवारों पर रामायण और महाभारत की कहानियां उकेरी गई हैं। शाम को यहाँ भक्ति संगीत का आनंद लिया जा सकता है। तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए यहाँ सैकड़ों कमरे हैं। यहां गंगा नदीं को देखना और उसके पानी की आवाज आपको मानसिक शांति देता है।

परमार्थ निकेतन

परमार्थ निकेतन हिमालय की गोद में गंगा के किनारे स्थित एक आश्रम है। जहां भारतीय सांस्कृतिक परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए एक स्कूल खोला गया है। हर शाम परमार्थ घाट पर गंगा आरती और हवन किया जाता है। परमार्थ आश्रम ऋषिकेश का सबसे बड़ा आश्रम है। यहां प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद चिकित्सा एवं आयुर्वेद प्रशिक्षण आदि भी दिए जाते हैं।

कुंजापुरी मंदिर

सनसेट और सनराइज आपको देखना है तो आप ऋषिकेश के कुंजापुरी मंदिर में जाएं। इस मंदिर के एक तरह से सूरज उगता है और हिमालय की ऊंची चोटियां में जाकर डूब जाता है, जो मन में असीम शांति उतार देती हैं। पहाड़ों की गोद में बसा यह मंदिर आपकी यात्रा में चार चांद लगा देगा। इससे सुंदर सनसेट और सनराइज ऋषिकेश के अलावा शायद ही कहीं और देख पाएं।

वशिष्ठ गुफा

ऋषिकेश से एक घंटे की ड्राइव के बाद आप वशिष्ठ गुफा पहुंचा सकते हैं। कहा जाता है कि ऋषि वशिष्ठ यहां तप आदि किया करते थे। हजारों साल पुरानी गुफा ध्यान के लिए एक प्रमुख स्थान है और यह गूलर के पेड़ों के बीच स्थित है। गंगा जी के किनारे होने के कारण ये अत्यंत ऊर्जावान स्थान है। यह बेहद ही शांत इलाका है, यहां केवल आपको बहती गंगा के पानी की ही आवाज सुनाई देगी