ईश्वर के निकट

जैसे सूर्योदय के होते ही अंधकार दूर हो जाता है, वैसे ही मन की प्रसन्नता से सारी बाधाएं शांत हो जाती हैं।
-अमृतलाल नागर

जो जितना अधिक नि:स्वार्थ है, वह उतना ही धार्मिक और ईश्वर के निकट है।
-विवेकानंद

ज्ञानी विवेक से सीखते हैं, साधारण मनुष्य अनुभव से, अज्ञानी लोग आवश्यकता से और पशु स्वभाव से सीखते हैं।
-कौटिल्य