इस मंदिर में भक्‍तों पर संकट आता है तो रोने लगते हैं भगवान

भगवान वैसे तो हमेशा ही अपने भक्‍तों को हर कष्‍ट से मुक्ति दिलाते हैं और हर संकट से उबारते हैं लेकिन भक्‍तों की सच्‍ची श्रद्धा का असर कहें या फिर ईश्‍वर का चमत्‍कार, एक मंदिर ऐसा भी है, जहां भगवान अपने भक्‍तों पर कष्‍ट आने पर रो देते हैं। हिमाचल प्रदेश में स्थित इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि भक्‍तों पर किसी दुख-मुसीबत आने के पहले ही मंदिर में स्‍थापित भैरव बाबा की मूर्ति से आंसू आने लगते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इससे स्‍थानीय लोगों को आने वाली परेशानियों का पूर्व में ही अंदाजा लग जाता है।

प्रतीकात्‍मक

कांगड़ा में स्‍थापित है यह अद्भुत मंदिर
भैरव बाबा की यह अनोखी प्रतिमा हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा क्षेत्र में स्‍थापित बज्रेश्‍वरी देवी के मंदिर में स्‍थापित है। यहां के आसपास के क्षेत्रों में जैसे ही कोई परेशानी आनी वाली होती है तो भैरव बाबा की मूर्ति से आंसुओं का गिरना शुरू हो जाता है। स्‍थानीय नागरिक इसी से आने वाली समस्‍याओं का पता लगाते हैं।

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5हजार साल से भी ज्‍यादा पुरानी है प्रतिमा
बज्रेश्‍वरी देवी मंदिर में स्‍थापित भैरव बाबा की प्रतिमा के बारे में बताया जाता है कि यह प्रतिमा 5 हजार साल से भी ज्‍यादा पुरानी है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि जब भी उन्‍हें प्रतिमा से आंसू गिरते हुए दिखते हैं वह भक्‍तों के संकट काटने के लिए प्रभु की विशेष पूजा-अर्चना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा हवन भी किया जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से भैरव बाबा भक्‍तों पर आने वाले संकट को टाल देते हैं।

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विपत्ति टालने को मनाते हैं भैरव जयंती भी
स्‍थानीय लोगों के अनुसार साल 1976-77 में कांगड़ा बाजार में भीषण अग्निकांड हुआ था। इससे कई दुकानें जल गई थीं और काफी नुकसान हुआ था। इसके बाद से हर साल नवंबर और दिसंबर के महीने के मध्‍य में यहां कांगड़ा जयंती मनाई जाती है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि उस दौरान विशेष पूजा और हवन किया जाता है।

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