अमेरिका में कैसे मनाई जाती है जन्माष्टमी? (How is Janmashtami celebrated in America?)

जन्माष्टमी भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्री कृष्ण के जन्म को चिह्नित करने के लिए दुनिया भर के हिंदुओं द्वारा मनाई जाती है। जन्माष्टमी संयुक्त राज्य भर में हिंदू समुदाय द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है क्योंकि यह उनका वार्षिक कार्यक्रम है। वे विभिन्न तरीकों से कृष्ण के जन्म का जश्न मनाते हैं और उस दिन भगवान कृष्ण के प्रति अपना प्यार दिखाते हैं। यूएसए कैलेंडर के अनुसार यह घटना अगस्त या सितंबर में आती है जो हिंदी कैलेंडर के भाद्रपद माह के बराबर है। हिंदू समुदाय अमेरिका में छुट्टी मनाता है और बेहतर जीवन के लिए भगवान से प्रार्थना करता है। इस वर्ष जन्माष्टमी 6 सितंबर, 2023 से 7 सितंबर, 2023 तक मनाई जाएगी।कैसे श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूरे अमेरिका में मनायी जाती है:
अमेरिका श्रीकृष्ण के मंदिरों में जन्माष्टमी के त्यौहार पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है और त्योहार का उत्सव भव्य रूप से मनाया जाता है। जन्माष्टमी उत्सव के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका में मंदिर द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, पुजारियों और अन्य वक्ताओं द्वारा भगवान श्री कृष्ण के जीवन से सबक सुनाया जाते हैं। आरती के साथ-साथ भगवान श्री कृष्ण के पारंपरिक जन्मोत्सव (जन्म समारोह), संगीत, भजन और नृत्य की संगत में श्री कृष्ण की एक बाल मूर्ति को झूले पर रखा जाता है। कई लोगों ने अपने घरों से उत्सव के दौरान अपने घरों को सजाकर और अपने घरों के मंदिरों में पूजा-अर्चना करके अपनी भक्ति का प्रदर्शन करते हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका में मनाई जाने वाली श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की तिथि और समय:
6 सितंबर, 2023 से 7 सितंबर, 2023 तक भगवान कृष्ण की जयंती के उपलक्ष्य में पवित्र त्योहार मनाया जाएगा।

❀ यह भगवान कृष्ण की 5250वीं जयंती है।
❀ निशिता पूजन मुहूर्त: 06 सितंबर को रात 11 बजकर 57 मिनट पर प्रारंभ होगा – 07 सितंबर को सुबह 12 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा।
❀ अष्टमी तिथि: 6 सितंबर को दोपहर 3:37 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को शाम 4:14 बजे समाप्त होगी।
❀ जन्माष्टमी के लिए शुभ मुहूर्त 06 सितंबर को रात 11 बजकर 57 मिनट से प्रारंभ होगा।
❀ जन्माष्टमी व्रत पारण का समय 07 सितंबर को शाम 04 बजकर 14 मिनट है।

संयुक्त राज्य अमेरिका में श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाने के लिए मंदिर:
संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्येक मंदिर एक विशेष प्रवचन का आयोजन करता है क्योंकि हर कोई भगवान कृष्ण के प्रकट होने का जश्न मनाने की भव्य रूप से तैयारी करता है।

जन्माष्टमी भजन:
❀ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
❀ बाल लीला: राधिका गोरी से बिरज की छोरी से
❀ मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार
❀ अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं
❀ छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल
❀ सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
❀ श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
❀ राधे कृष्ण की ज्योति अलोकिक
❀ राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
❀ अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
❀ कभी राम बनके, कभी श्याम बनके
❀ बड़ी देर भई नंदलाला
कृष्ण भजन

कृष्ण मंत्र:
❀ अच्युतस्याष्टकम्
❀ कमल नेत्र स्तोत्रम्
❀ श्री राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत्र

श्री कृष्ण नामावली:
❀ मधुराष्टकम्: धरं मधुरं वदनं मधुरं
❀ श्री कृष्णाष्टकम्
❀ श्री कृष्णाष्टकम् – आदि शंकराचार्य

श्री कृष्ण कथा:
❀ गोपेश्वर महादेव की लीला
❀ श्री कृष्ण मोर से, तेरा पंख सदैव मेरे शीश पर होगा
❀ भागवत कथा प्रसंग: कुंती ने श्रीकृष्ण से दुख क्यों माँगा?

भोग प्रसाद:
❀ पंचामृत बनाने की विधि
❀ मथुरा के पेड़े बनाने की विधि
❀ मखाने की खीर बनाने की विधि
❀ बालभोग बनाने की सरल विधि