कबूतर के दर्शन अर्थात शिवजी के दर्शन
दरअसल, जब पुजारीजी पूजा के लिए हिमलिंग के पास गए तो उन्होंने देखा कि एक कबूतर हिमलिंग पर बैठा है। इस दृश्य को देखर पुजारी अतिआनंदित हुए। क्योंकि अमरनाथ गुफा में कबूतर के पीछे एक पौराणिक कथा है। माना जाता है कि अमरनाथ गुफा में भगवान शिव और देवी पार्वती कबूतर के रूप में विराजते हैं। कबूतर का पवित्र गुफा में दिखना बहुत ही शुभ माना गया है। कबूतर का दर्शन साक्षात शिवजी के दर्शन के समान माना गया है।
पार्वती ने पूछा ‘मैं अमर क्यों नहीं हूं?’
नीलमत पुराण, शिव पुराण में एक कथा का उल्लेख मिलता है कि एक समय देवी पार्वती ने भगवान शिव से उनके गले में मुंड की माला देखकर पूछा, हे प्रभु यह मुण्ड किसके हैं और आप इन्हें धारण क्यों करते हैं? भगवान शिव ने कहा कि जितनी बार तुम जन्म लेती हो और मृत्यु को प्राप्त होती हो, उतनी बार इस मुण्ड माला में एक मुण्ड बढ़ जाता है। यह सभी मुण्ड तुम्हारे ही हैं। देवी पार्वती को यह सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ और उन्होंने भगवान शिव से कहा कि आप अमर हैं तो मैं अमर क्यों नहीं हूं!
सभी जीवधारियों को किया जलाकर भस्म
भगवान शिव ने तब देवी पार्वती की जिद्द पर उन्हें अमर होने का रहस्य बताने का निर्णय लिया, जिसे अमरकथा के नाम से जाना जाता है। इस कथा को सुनाने के लिए भगवान शिव ने गोपनीय स्थान अमरनाथ गुफा में प्रवेश किया। कोई अन्य इस कथा को नहीं सुन पाए इसलिए भगवान शिव ने कालाग्नि को प्रकट किया और आदेश दिया कि जो भी जीवधारी इस गुफा में हैं, वह सभी जलकर भस्म हो जाएं।
अंडे से निकले बच्चे, तुरंत हो गए बड़े
कालाग्नि ने सभी को जला दिया लेकिन दैवयोग से उस गुफा में उस समय कबूतर ने दो अंडे दिए थे, जो नष्ट नहीं हो पाए क्योंकि अंडा जीवधारी नहीं माना गया है। जब भगवान शिव कथा कहने लगे तो अंडे से कबूतर के बच्चे निकल आए और कथा सुनने लगे। कथा सुनते हुए देवी पार्वती को नींद आ गई लेकिन दोनों कबूतरों ने पूरी कथा सुन ली। कबूतर के बच्चे अमरकथा के प्रभाव से तुरंत बड़े हो गए और कथा के बीच में गूं-गूं भी करते रहे। इससे भगवान शिव समझ रहे थे कि देवी पार्वती कथा सुन रही हैं।
क्रोधित शिव हुए शांत और दिया वरदान
जब भगवान शिव को सत्य का ज्ञान हुआ तो क्रोधित हो गए और कबूतरों को मारने के लिए त्रिशूल उठा लिया। कबूतरों ने भगवान शिव से कहा कि हे प्रभु आपके मुख से हमने अमरकथा सुन ली है। अब आप हमें मार डालेंगे तो आपके बनाए नियम भंग हो जाएंगे क्योंकि कथा सुन लेने के कारण अब हम अमर हो गए हैं। भगवान शिव ने इस बात को समझकर कबूतरों से कहा कि अब तुम अमर और निर्भय होकर इस गुफा में निवास करो। तुम्हारे दर्शन से मनुष्यों को शिव के दर्शन का पुण्य प्राप्त होगा।