शिव मात पिता, शिव बंधू सखा – भजन (Shiv Maat Pita Shiv Bandhu Sakha)

शिव मात पिता,
शिव बंधू सखा,
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम,
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम ॥जिनका तो ना आदि,
ना अंत पता,
भक्तो पे दया,
जो करते सदा,
शिव मात पितां,
शिव बंधू सखा,
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम ॥

वृषगामी जो,
बाघाम्बर है धरे,
अनादि अनंत से,
जो है परे,
शिव मात पितां,
शिव बंधू सखा,
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम ॥

अमृत को नहीं,
विष पान किया,
अभयदान है,
भक्त जनों को दिया,
शिव मात पितां,
शिव बंधू सखा,
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम ॥

गौरा नंदन,
श्री गणेश कहे,
जलधारा जिनके,
शीश बहे,
शिव मात पितां,
शिव बंधू सखा,
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम ॥

शिव मात पिता,
शिव बंधू सखा,
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम,
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम ॥