राजनीति क्षणभंगुर है

राजनीति क्षणभंगुर है, चंचल है, परंतु साहित्य स्थाई है, मंगलमय है। उसके आधारभूत मूल्यों की क्षति नहीं होती।
अनंतगोवाल शेवड़े

अंतरराष्ट्रीय सहयोग ही सह-अस्तित्व का स्वाभाविक परिणाम है। इंदिरा गांधी

सुख किसी वस्तु की प्राप्ति में नहीं बल्कि उसके त्याग में है। राजगोपालाचारी