यात्रा के साथ तीर्थः जब भी पुणे जाएं इन मंदिरों में जाना ना भूलें, पाएंगे भरपूर आनंद

पार्वती हिल मंदिर

पार्वती हिल पुणे में स्थित प्रमुख मंदिरों में से एक है। इस जगह के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर पेशवा शासक बालाजी बाजीराव ने ब्रिटिश को किकरी युद्ध में हराया था। पर्वत की चोटी पर स्थित यह मंदिर प्राकृतिक सुंदरता को अपनी गोद में बसाया हुआ है। यहां की सुंदरता आपका मन मोह लेगी।

भीमाशंकर मंदिर

यह मंदिर सह्याद्रि पर्वत पर स्थित है और यहीं से भीमा नदी भी निकलती है। भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिवपुराण में मिलता है। भीमाशंकर मंदिर नागर शैली की वास्तुकला से बनी एक प्राचीन और नई संरचनाओं का समिश्रण है। इस सुंदर मंदिर का शिखर नाना फड़नवीस द्वारा 18वीं सदी में बनाया गया था। यह मंदिर केवल ख्याति के लिए ही नहीं अपनी सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। यहां के सुंदर प्राकृतिक नजारे पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। यहां समर वेकेशन के दौरान पर्यटकों का हुजूम उमड़ता है।

भुलेश्वर मंदिर

लगभग तीन सौ साल पुराने इस मंदिर का घंटनाद, जो एक साथ सारे पुणे को जगाता है- यकीन मानिए, यहां की सुबह, सुबह-ए-बनारस से कम नहीं लगती। इस मंदिर परिसर में भगवान गणेश, जलाराम, हनुमान, काल भैरव जैसे मंदिर हैं और एक पुराना बरगद का पेड़ जिसकी परिक्रमा के बाद अन्य मंदिरों के दर्शन की बारी आती है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इस मंदिर की सुंदरता आपको कहीं ओर देखने को नहीं मिलेगी। यह स्थान पुणे के सबसे सुंदर स्थानों में से एक माना जाता है।

खंडोबा का मंदिर

खंडोबा का मंदिर एक पहाड़ी पर स्‍थित है जहां पहुंचने के लिए 200 के करीब स‍ीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। पहाड़ी से संपूर्ण जेजुरी का मनमोहक दृश्य देखने को मिलता है। जेजुरी अपनी प्राचीन दीपमालाओं के लिए बहुत प्रसिद्ध है। पहाड़ी की चोटी पर होने के कारण यहां का आसपास का नजारा देखने लायक है। इसे मराठी भाषा में ‘खंडोबाची जेजुरी’ (खंडोबा की जेजुरी) के नाम से भी जाना जाता है। यहां की हरियाली आपका मन मोह लेगी, जिसे देखने के लिए बार-बार आप आएंगे।

एकवीरा देवी मंदिर

सूर्यकन्‍या मानी जाने वाली ताप्ति नदी की उपनदी पांझर नदी के तट पर, एकवीरा मार्ग पर एक पहाड़ी के ऊपर एकवीरा देवी मंदिर स्थित है। यहां आदिमाया एकवीरा देवी की पूजा की जाती है। कहते हैं कि देवी अहिल्याबाई होलकर ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। नदी-पहाड़ का यह संगम मंदिर में चार चांद लगा देता है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए ही नहीं विश्व के सुंदर मंदिरों में अपना स्थान बनाए हुए है।

चिंतामणि गणपति

अष्टविनायक में पांचवें गणेश हैं चिंतामणि गणपति हैं। मंदिर के पास ही तीन नदियों भीम, मुला और मुथा का संगम है। अगर किसी भक्त का मन बहुत परेशान या विचलित है और जीवन में दुख जाने का नाम नहीं ले रहा है तो इस मंदिर में आने पर ये सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। स्वयं भगवान ब्रहमा ने अपने विचलित मन को वश में करने के लिए इसी स्थान पर तपस्या की थी, ऐसी मान्यताएं कहती हैं। मंदिर से नदियों का नजारा अद्भुत आनंद प्रदान करता है।

मयूरेश्वर मंदिर

मयूरेश्वर मंदिर, अष्ट विनायक में पहला गणेश मंदिर है। इस के चारों कोनों में मीनारें हैं और लंबे पत्थरों की दीवारें हैं। यहां चार द्वार हैं जो सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग के प्रतीक हैं। यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए बहुत प्रसिद्ध है। अगर आप पुणे घुमने जा रहे हैं या फिर वहीं हैं तो एकबार इस मंदिर में जरूर घुमने आएं। पुणे में यह भी बेस्ट जगह में से एक है जहां पर घुमने की भी बहुत जगहें हैं।