माता गंगा की मूर्ति पूजा क्यों वर्जित है जबकि गंगा जल शुभ है? (Why Idol Worship of Mata Ganga is Prohibited while Ganga Water is Auspicious?)

गंगाजल को हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसलिए इसे घर में रखने की सलाह दी जाती है, लेकिन फिर मां गंगा की मूर्ति को घर में रखने की मनाही क्यों है। माता गंगा को हिन्दू धर्म में पवित्र, पूजनीय और माता माना गया है। इसलिए गंगा स्नान से लेकर घर में गंगाजल रखने तक को महत्वपूर्ण और लाभकारी बताया गया है।❀ शास्त्रों के अनुसार माता गंगा नदी हैं और नदी का स्वभाव है बहना, ऐसे में अगर घर में माता गंगा की मूर्ति रखी जाए तो यह प्रवाह दिखाती है। यानी घर में कुछ भी स्थिर नहीं है, सब कुछ अस्थिर और प्रवाहमान है।
❀ शास्त्रों में भी 6 इंच से बड़ी दिव्य मूर्ति को घर में रखना वर्जित माना गया है। जबकि छोटी मूर्ति रखना मां गंगा के स्रोत या आकार में बाधा डालने जैसा है। ऐसे में घर की सुख-समृद्धि, शांति, ऐश्वर्य, धन, उन्नति आदि सभी में बाधा आएगी।
❀ इसके लावे के कारण यह भी माना जाता है कि मां गंगा एक श्रापित नदी है। माता गंगा को मलिन होने का श्राप मिला है। हालांकि गंगा के पानी को पवित्र माना जाता है। वास्तव में गंगाजल जल का रूप है इसलिए पवित्र है।
❀ लेकिन मां गंगा की मूर्ति देवी के रूप में है इसलिए इसे घर में रखना अशुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि मां गंगा सभी लोगों के पापों को धो देती हैं। उनकी मूर्ति को घर में रखने का मतलब है कि आपके घर में सबके पाप हैं। ऐसे में दूसरों के पापों का फल आपको भी भुगतना पड़ सकता है।

इसलिए घर में गंगाजल रखना शुभ होता है और गंगा की मूर्ति रखना वर्जित है। इसलिए घर में मां गंगा की मूर्ति नहीं रखते हैं।