बनु दास जनम जनम तक: भजन (Banu Daas Janam Janam Tak)

बनु दास जनम जनम तक,
यो ही आयो मांगने,
मैया थारै आंगणे,
मैया थारै आंगणे ॥मंगल गाऊं घर घर जाकर,
थासु मिल्यो उपहार,
देके सेवा इ जनम में,
बहुत कियो उपकार,
मौज उडावा म्हे तो,
दादी थारे कारणे,
मैया थारै आंगणे,
मैया थारै आंगणे ॥

मानव तन जो पाऊं फिर से,
मंगल मैं गाउँ,
पंछी जीवन म्हणे द्यो तो,
यो ही मैं चाहूँ,
बनके मोरियो मैं नाचू,
मंदिरिये के बारने,
मैया थारै आंगणे,
मैया थारै आंगणे ॥

चाहे बना ले ‘श्याम’ ने दादी,
निज चरणा री धूल,
चरण चाकरी करने में,
म्हासु होवे कदी ना भूल,
म्हणे भी तारो मैया,
बैठ्या सबने तारने,
मैया थारै आंगणे,
मैया थारै आंगणे ॥

बनु दास जनम जनम तक,
यो ही आयो मांगने,
मैया थारै आंगणे,
मैया थारै आंगणे ॥

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