कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं के एग्जाम देने वाली इशिता कामरा कहती हैं कि वे पढ़ाई में अच्छी हैं और उनके मार्क्स अच्छे आते हैं लेकिन रिजल्ट आने के टाइम टेंशन तो होती ही है। इसलिए उनकी मम्मी ने घर के बाहर इविल आई टांग दी है, ताकि किसी भी तरह की नेगेटिव एनर्जी न तो घर में आए और न ही इशिता के दिमाग में।
इशिता की तरह और भी कई स्टूडेंट्स और पैरेंट्स हैं जो अपने बच्चों के बेहतर फ्यूचर और अच्छे मार्क्स के लिए फेंगशुई का सहारा लेते हैं। इस बारे में दिल्ली के विकासपुरी की रहने वाली किट्टी वर्मा कहती हैं कि वह कुछ वक्त पहले अपने बेटे के स्टडी टेबल के लिए क्रिस्टल ग्लोब लेकर आईं। यह उन बच्चों के लिए सही रहता है जो विदेश जाकर पढ़ना चाहते हैं। ऐसे में किट्टी को उम्मीद है कि उनके बेटे का एडमिशन भी बाहर किसी अच्छे कॉलेज में हो जाएगा।
फेंगशुई और वास्तु एक्सपर्ट नरेश सिंगल कहते हैं, ‘फेंगशुई जीवन के हर मोड़ पर हमें सही एनर्जी देता है और हमारे आसपास से नेगेटिव एनर्जी को निकाल बाहर करता है। अब फेंगशुई की पॉपुलैरिटी बढ़ती ही जा रही है। तभी तो एग्जाम्स और एग्जाम्स खत्म होने के दौरान पैरेंट्स और स्टूडेंट्स दोनों ही फेंगशुई एनर्जी तलाशने लगते हैं, ताकि रिजल्ट भी अच्छा आए और आसपास कोई नेगेटिव एनर्जी भी न रहे।’
अच्छे फ्यूचर के लिए फेंगशुई
1. फेंगशुई ग्रीन लैंप : इसे घर की उत्तर दिशा में लगाने से पढ़ाई में मन लगता है और रिजल्ट्स भी अच्छे आते हैं।
2. लुक फुक साउ : ये चीनी देवता हैं। इन्हें नॉर्थ-ईस्ट या ईस्ट डायरेक्शन में पढ़ाई करने वाले बच्चे के कमरे में रखना चाहिए।
3. क्रिस्टल ग्लोब : इसे नॉर्थ-वेस्ट डायरेक्शन में रखना चाहिए। विदेश में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों के लिए यह अच्छा काम करता है।
4. क्रिस्टल बॉल : इसे नॉर्थ ईस्ट डायरेक्शन में रखना चाहिए। बच्चे के भविष्य पर इसका बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है।
क्या है फेंगशुई?
फेंगशुई एक चीनी विद्या है जो एनर्जी को नियंत्रित करने के सिद्धांत पर काम करती है। नेगेटिव एनर्जी को रोकना, पॉजिटिव एनर्जी फैलाना इस पर काम करती है। इसके लिए बहुत सारी चीजों का इस्तेमाल करके एनर्जी को ठीक किया जाता है। जैसे : ड्रैगन, फीनिक्स, टर्टल, लाफिंग बुद्धा, विंड चाइम। इन तमाम चीजों का इस्तेमाल करके अलग-अलग चीजों से अलग-अलग तरह की ऊर्जा पैदा करते हैं और ऊर्जा को संतुलित करने की कोशिश करते हैं। फेंगशुई की शुरुआत भले ही चीन से हुई हो लेकिन अब यह विद्या अमेरिका और एशिया में भी तेजी से फैलती जा रही है।