जानें कैसे बम धमाके में भी बच गए द्वितीय व‍िश्‍व युद्ध के जनरल आइजनहावर

द्वितीय विश्वयुद्ध में जनरल आइजनहावर मित्र राज्यों की सेना के सर्वोपरि थे। वे प्रतिदिन अपने स्थान से चार बजकर तीस मिनट पर सफेद गाड़ी में पेरिस के मुख्य रास्ते से होते हुए सैनिक कैंप पहुंचते थे। एक दिन उनकी गाड़ी ठीक समय पर निकली। रास्ते में फ्रेंच सैनिकों के वेश में बम लेकर जर्मन सैनिक खड़े थे। जैसे ही कार मुख्य सड़क पर आई, जर्मनों ने बम फेंक दिया और कार देखते ही देखते नष्ट हो गई। घटना के बाद आइजनहावर की हत्या की सूचना फैल गई, सर्वत्र शोक व्याप्त हो गया।

कुछ समय के बाद सबने देखा कि आइजनहावर तो पैदल ही सैनिक शिविर की ओर चले आ रहे हैं। उनको आते देखकर सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए। आइजनहावर तो कार में हुए बम धमाके में समाप्त हो गए थे। फिर ये पैदल कैसे आ रहे हैं? सैनिक अफसर ने आइजनहावर को बताया कि शत्रु ने उनकी कार में बम फेंका था, और पूछा कि सकुशल कैसे बचे गए? आइजनहावर ने कहा, ‘मुझे एक वृद्ध ने बचा दिया। मैं गाड़ी में आ रहा था। रास्ते में एक वृद्ध दंपति को चिंतातुर देखा। मैंने गाड़ी खड़ी की और उनसे वजह पूछी।’

उन्होंने बताया कि उनके पुत्र का ऑपरेशन हुआ है। वह अस्पताल में है। वे लोग गांव से आए हैं और अस्पताल उन्हें मिल नहीं रहा है। आइजनहावर ने बताया, ‘मैंने हॉस्पिटल का नाम देखा, जो पास की ही गली में था। मैंने ड्राइवर को कहा, तुम गाड़ी लेकर जाओ। मैं इन्हें छोड़कर आ रहा हूं। मैं उस वृद्ध दंपति को लेकर हॉस्पिटल पहुंचा। उन्हें उनके पुत्र के पास छोड़ा, और अब वहीं से आ रहा हूं। वृद्ध दंपति के आशीर्वाद से ही मैं बच गया।’ अच्छे काम का अच्छा फल सदा मिलता है, और इस तरह एक नेक काम ने आइजनहावर को बचा लिया।

संकलन : ललित गर्ग