जब से देखी सूरत, मैंने महाकाल की: भजन (Jab Se Dekhi Surat Maine Mahakal Ki)

जब से देखी सूरत,
मैंने महाकाल की,
दुनिया बदल ही गयी,
दुनिया बदल ही गयी ॥उज्जैन की धरती पे,
बसे महाकाल है,
देते सहारा सबको,
वो कालों के काल है,
है पायी भस्मि जबसे,
मैंने महाकाल की,
दुनिया बदल ही गयी,
दुनिया बदल ही गयी ॥

शिवरात्रि का पर्व है,
उज्जैन धाम है,
हर एक भगत की,
ज़ुबा पे महाकाल है,
हो करके भक्ति शिवशंकर,
और पार्वती की,
दुनिया बदल ही गयी,
दुनिया बदल ही गयी ॥

जब उज्जैन मैं जाऊँ,
दर्शन तेरा मैं पाऊँ,
सब कष्टों को भुलाकर,
सुख संतोष कमाऊ ॥

जब से देखी सूरत,
मैंने महाकाल की,
दुनिया बदल ही गयी,
दुनिया बदल ही गयी ॥