गजब है यह गांव, यहां जाने वाला हो जाता है मालामाल

भगवान शिव से जुड़ी है यह कथा

भारत का आखिरी गांव कहे जाने वाला माणा के इस शिव मंदिर के पीछे कथा मिलती है कि यहां पर भोलेनाथ का बहुत बड़ा भक्‍त था। उसका नाम था माणिक शाह। पेशे से वह व्‍यापारी था लेकिन हर पल हर क्षण वह मन ही मन भगवान शिव का नाम जपता रहता था। यही वजह थी कि भोलेनाथ उसपर अत्‍यंत प्रसन्‍न थे।

शिव ने भक्ति से प्रसन्‍न होकर दिया वरदान

कथा मिलती है कि माणा गांव में रहने वाला माणिक शाह शिव भक्‍त एक बार व्‍यापार के लिए बाहर जा रहा था। उसी दौरान कुछ लुटेरों ने उसे पकड़ लिया और उससे सारा पैसा लेकर उसकी गर्दन काट दी। लेकिन वह भगवान शिव का इतना बड़ा भक्‍त था कि वह गर्दन कटने के बाद भी शिव के ही नाम का जाप करता रहा।

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शिव हुए प्रसन्‍न और वराह का लगाया सिर

माणिक शाह की भक्ति को देखकर भोलेनाथ अत्‍यंत प्रसन्‍न हुए। उन्‍होंने माणिक के शरीर पर वराह यानी कि सुअर का सिर लगाकर उसे जिंदा कर दिया। इसके बाद उन्‍होंने यह भी वरदान दिया कि जो भी माणा गांव आएगा उसके सभी कष्‍ट दूर हो जाएंगे। साथ ही मां लक्ष्‍मी की कृपा हमेशा ही उसपर बनी रहेगी।

मणिभद्र के रूप में हुए स्‍थापित

माणिक शाह की भक्ति से प्रसन्‍न हुए शिव जी की माणा गांव में मणिभद्र रूप में पूजा की जाती है। माणा आने वाले पर्यटक इस शिव मंदिर में दर्शन के लिए जरूर जाते हैं। मान्‍यता है कि यहां आने वाले सभी भक्‍तों की मां लक्ष्‍मी झोली भर देती हैं। उसके जीवन में धन-धान्‍य की कभी भी कोई कमी नहीं होती।

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भारत-तिब्‍बत सीमा से सटा हुआ है ‘माणा’ गांव

उत्‍तराखंड में चमोली के पास एक छोटा सा गांव है ‘माणा।’ यहां कई सारी धार्मिक जगहें हैं जिनका सनातन धर्म में खासा महत्‍व है। शिव मंदिर के अलावा यहां पर वह गुफा भी है जहां पर महर्षि वेद व्‍यास ने भगवान गणेश को महाभारत सुनाई थी। इसी स्‍थान पर वेद व्‍यास जी ने 18 पुराण, ब्रह्म सूत्र और चारों वेदों की रचना की थी।

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