अवधपति बोले यूँ मुख से, सुनो वीर हनुमान: भजन (Awadhpati Bole Yun Mukh Se Suno Veer Hanuman)

अवधपति बोले यूँ मुख से,
सुनो वीर हनुमान,
वर्षो बाद पड़ा है तुमसे,
एक जरुरी काम,
धरती पर मानव जाति यूँ,
कर रही हाहाकार,
तुम्हरे काँधे पर धरता,
उनके जीवन का भार,
के तुम वहां बैठे बलि,
करो हर एक की भली,
के तुम वहां बैठे बलि,
करो हर एक की भली ॥राम रसिक तुम राम नाम,
जपने वालों के सहारे,
राम नाम जो बोले मुख से,
लगते तुमको प्यारे,
राम नाम के सुमिरन से ही,
सुखी हो ये संसार,
तेरे होते हो नहीं सकती,
मेरे भक्तो की हार,
के तुम वहां बैठे बलि,
करो हर एक की भली,
के तुम वहां बैठे बलि,
करो हर एक की भली ॥

आपकी आज्ञा सिरोधार्य है,
संकट काटू सारे,
संकटमोचन नाम दिया प्रभु,
आपने जग ये उचारे,
राम नाम जिनके मुख हो,
उनका बेड़ा हो पार,
कहते यूँ हनुमान करेंगे,
जन जन का कल्याण,
जय बजरंगबली,
करेंगे सबकी भली,
जय बजरंगबली,
करेंगे सबकी भली ॥

अवधपति बोले यूँ मुख से,
सुनो वीर हनुमान,
वर्षो बाद पड़ा है तुमसे,
एक जरुरी काम,
धरती पर मानव जाति यूँ,
कर रही हाहाकार,
तुम्हरे काँधे पर धरता,
उनके जीवन का भार,
के तुम वहां बैठे बलि,
करो हर एक की भली,
के तुम वहां बैठे बलि,
करो हर एक की भली ॥